चंद्रग्रहण का काउंटडाउन शुरु : तीन दिन बाद 5 जून को ये ग्रहण कोरोना संक्रमण पर लगाएगा रोक या फैलाएगा, जानिये यहां
कोरोना संक्रमण के बीच आज से 5 जून को आनें वाले चंद्रग्रहण का काउंट डाउनटाउन शुरु हो गया है। कोरोना संक्रमण के लिए जहां ग्रहों की युति को जिम्मेदार माना जा रहा था, वहीं अब इस ग्रहण को लेकर लोगों में तमाम तरह की जिज्ञासा बनी हुई है। कारण ये है कि इस दौरान भी कई ग्रहों की युति बनेगी, ऐसे में ग्रहों की ये युति कोरोना संक्रमण को रोकने का काम करेगी या इसे फैलाएगी, इसे लेकर बहुत से लोगों में भय भी बना हुआ है।
इस संबंध में ज्योतिष के जानकार सुनील शर्मा का कहना है कि कोरोना संकट के बीच जून में एक साथ 2 ग्रहण लगने जा रहे हैं। इसमें जहां 5 जून को चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) लगेगा और इसके बाद 21 जून को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगेगा। वहीं शर्मा के अनुसार जो योग बनते दिख रहे हैं, उनमें से जहां चंद्रग्रहण कुछ राशिवालों के लिए बेहद घातक होते हुए, कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकता नहीं दिख रहा है। वहीं जबकि 21 जून का सूर्यग्रहण कोरोना के मामले में कुछ राहत लाता दिख रहा है।
दरअसल 5 जून 2020 को चंद्रग्रहण रात में लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व बताया गया है। ग्रहण का सभी राशियों के जातकों पर इसका व्यापक असर होता है। वैज्ञानिक भाषा में कहा जाए तो चंद्रग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है, वहीं हिंदू आध्यात्म में इसे चंद्र का केतु द्वारा ग्रास किया जाना माना जाता है।
इसके अलावा ग्रहण के पहले सूतक काल लग जाता है। चंद्रग्रहण में नौ घंटे और सूर्यग्रहण में 5 घंटे पहले से सूतक काल आरंभ हो जाता है। सूतक काल को अशुभ माना जाता है। इसमें किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
ऐसे समझें चंद्रग्रहण...
जानकारों की मानें तो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) एक खगोलिय घटना है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में संरेखित होते हैं तो हम पृथ्वी की स्थिति के आधार पर सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण देखते हैं। चंद्र ग्रहण उस वक्त लगता है जब पूरा चांद निकला हुआ हो और पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाए। इस तरह सूर्य की किरणों को सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं। यह तभी होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा दोनों के बीच आ जाए।
आपको बता दें कि 2020 में चार चंद्र ग्रहण हैं-एक जनवरी में लग चुका है और बचे बाकि 3 चंद्रग्रहण जून, जुलाई और नवंबर में लगने वाले हैं। इन्हीं में से एक 5 जून को होने वाला चंद्रग्रहण उपछाया होगा। इसका अर्थ है कि चांद, पृथ्वी की हल्की छाया से होकर गुजरेगा।
चंद्र ग्रहण का समय...
5 जून को रात के 11 बजकर 16 मिनट से चंद्रग्रहण शुरू हो जाएगा जो अगले दिन यानी 6 जून की सुबह 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। 12 बजकर 54 मिनट पर पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इस चंद्रग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 18 मिनट की होगी।
ध्यान रखें मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौरान और ग्रहण के खत्म होने तक भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए। ग्रहण में घर के मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए। ताकि भगवान पर ग्रहण का असर ना हो सके। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर निकलना चाहिए। सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं।
ये होगा असर-ज्योतिषिय गणना...
ज्योतिषों के अनुसार ये ग्रहण सभी 12 राशियों पर अपना खास असर डालेगा। इस समय 6 ग्रह वक्री चल रहे हैं. राहु-केतु के अलावा इस समय शनि, बृहस्पति, शुक्र और प्लूटो ये चारों ग्रह भी वक्री चल रहे हैं। ये चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि पर पड़ने वाला है।
जिस कारण यह ग्रहण वृश्चिक राशि पर बुरा प्रभाव डालेगा। इस समय किसी ख्याति प्राप्त व्यक्ति की रहस्यात्मक मौत हो सकती है। परिवार वालोंं के साथ वाद विवाद का सामना करना पड़ेगा। वृश्चिक राशि वाले सावधान रहें।
वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार वृश्चिक राशि में ग्रहण लगने की वजह से इनकी राशि का लग्न और 7वां भाव प्रभावित हो रहा है। यह इनकी बुद्धि भ्रमित करने के साथ ही इनकी और जीवनसाथी की सेहत पर भी असर डालता हुआ दिख रहा है। वहीं इस ग्रहण की पूरी छाया इनके 7वें भाव पर पड़ेगी।
इसके अलावा इनका तीसरा, पांचवां और ग्याहरवां भाव भी इससे प्रभावित होगा। जिसके कारण लाभ में कमी आने के अलावा स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों की संभावना है। वहीं इस समय भाई-बहनों से रिश्ते खराब होने के संकेतों के बीच जीवनसाथी से मतभेद और बदनामी के योग भी बन रहे हैं।
ये होगा 21 जून, 2020 के सूर्य ग्रहण का कोरोना वायरस पर असर...
वहीं इसी महीने 21 जून, 2020 को जो सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, वह कंकणाकृति का है। इसका अर्थ यह है कि इससे कोरोना का रोग नियंत्रण में आना शुरू हो जाएगा। यह ग्रहण 21 जून की सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 15 बजकर 04 मिनट तक रहेगा, यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा। इसे भारत समेत दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के प्रमुख हिस्सों में देखा जा सकेगा।
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