Hindu Dharm : शुक्र हुआ उदय | जानें अब सभी 12 राशियों पर इसका असर


शुक्र को हिंदुओं में राक्षसों के गुरु के रूप में जाना जाता है। वहीं ज्योतिष में इन्हें ही भाग्य का कारक ग्रह माना गया है। ऐसे में इनके अस्त होने की स्थिति में शुभ और मांगलिक कार्यों में और मुख्य रूप से विवाह संस्कार जैसे अत्यंत शुभ कार्य में रोक लग जाती है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार 31 मई 2020 को अस्त हुए शुक्र अब 09 जून 2020, मंगलवार को उदय हो गए।यानि 09 दिनों तक अस्त रहने के बाद उनका फिर से उदय हुआ। वहीं जानकारों के मुताबिक शुक्र इस वक्त वृषभ राशि में है। वहीं इस समय शुक्र की वक्री गति (उल्टी चाल) है और इस गति में वह ज्यादा शक्तिशाली हो जाते हैं। ऐसे में अब धन और प्रेम के कारक होने की वजह से शुक्र कई राशि वालों के भाग्य चमका सकते हैं।

शुक्र अस्त से उदय तक की तारीखें...

: शुक्र तारा अस्त प्रारम्भ : मई 31, 2020, रविवार को 07:38 PM बजे

: शुक्र तारा अस्त समाप्त : जून 9, 2020, मंगलवार को 04:54 AM बजे

: कुल अस्त अवधि = 9 दिन

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शुक्र ग्रह अस्त होने पर अपने शुभ फल देने में कमी कर देता है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसके जीवन में स्नेह और प्रेम बरकरार रहे और सभी प्रकार के सुखों से प्राप्त होते रहें। इसके लिए शुक्र ग्रह का मजबूत होना अति आवश्यक है।

सनातन धर्मावलंबियों में सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों में और मुख्य रूप से विवाह संस्कार जैसे अत्यंत शुभ कार्य के लिए शुक्र का लोप होना अच्छा नहीं माना जाता और इसी वजह से जब शुक्र अस्त होता है तो उस समयावधि के दौरान विवाह जैसा पवित्र कार्य भी वर्जित माना जाता है और शुक्र के पुनः उदय होने पर ही इस प्रकार के कार्य पूर्ण किये जाते हैं।

शुक्र मुख्य रूप से तो एक शुभ ग्रह है लेकिन हर कुंडली के लिए ये शुभ नहीं होता। इसलिए देखना आवश्यक हो जाता है कि यह अस्त होकर कुंडली में किस स्थिति में विराजमान है।

यदि यह किसी कुंडली विशेष के लिए शुभ फल देने वाला ग्रह है तो इसके अस्त होने की स्थिति में इसके रत्न हीरा, ओपल अथवा जरकन को धारण करना उचित चाहिए, लेकिन इसके विपरीत स्थिति होने पर रत्न धारण करने से बचना चाहिए और शुक्र के बीज मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जाप करना चाहिए।

शुक्र की वक्री गति...


वहीं इस बार शुक्र 9 जून को उदय के समय के समय वक्री गति करेंगे। शुक्र ग्रह का वक्री होना ज्योतिष शास्त्र में एक अद्भुत घटना है जिसका सीधा प्रभाव जातक के व्यवहार पर पड़ता है। शुक्र एक सौम्य ग्रह है और तीव्र गति से चलता है। यह लगभग 23 दिन में एक राशि परिवर्तन कर लेता है।

शुक्र की वक्री गति कब से कब तक...

शुक्र वक्री आरंभ काल (वृषभ राशि) : मई 13, 2020, बुधवार 09:15:00 बजे
शुक्र वक्री समाप्ति काल (वृषभ राशि) :जून 25, 2020, गुरुवार 09:15:00 बजे

जानें राशियों पर असर... Effects on 12 zodiac signs


1. मेष राशि - इस राशि के जातकों को धन लाभ होगा, जिससे उनका बैंक-बैलेंस बढ़ेगा। वहीं प्यार-प्रेम के मामले में पार्टनर के साथ अच्छे पल बिताएंगे।

2. वृषभ राशि - नौकरी-व्यापार में उन्नति के साथ ही नई नौकरी मिलने के भी योग बन रहे हैं। इसके अलावसा यानी धन के मामले में स्थिति पहले से बेहतर होने जा रही है।व्यक्तित्व में बढ़ोत्तरी होगी।

3. मिथुन राशि - नए वाहन का सुख प्राप्त होने के साथ ही सेहत के मामले में सब ठीक होने वाला है। कोई पुराना रोग दूर हो सकता है।

4. कर्क राशि - इस राशि के जातकों के लिए इस समय अचानक कहीं से धन आने से लाभ के योग बन सकते हैं। वहीं छोटे-भाई बहनों को भी लाभ हो सकता है

5. सिंह राशि - यह समय बेहद शुभ रहने वाला है। अचानक कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। इसके अलावा लड़ाई-झगड़े सुलझेंगे. कोर्ट-कचहरी के मामले पक्ष में आ सकते हैं।

6. कन्या- शुक्र का उदय के साथ ही कन्या राशि वालों की किस्मत खुलेगी। रुके हुए या बिगड़े हुए काम संवरने के साथ ही बैंक-बैलेंस में बढ़ौतरी होगी।

7. तुला राशि - इस राशि के लोगों की पूरी पर्सनैलिटी उभरकर सामने आएगी। सेहत अच्छी रहने के साथ ही पुराने काम भी पूरे होंगे।

8. वृश्चिक राशि - पार्टनर से लड़ाई-झगड़े सुलझने के साथ ही पति-पत्नी के बीच प्यार-प्रेम बढ़ेगा। वृश्चिक राशि के जातकों को अच्छी नींद आएगी।

9. धनु राशि - भाग्योदय के साथ ही पुराने अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं। इस राशि वालों के लिए भी सब अच्छा ही रहेगा।

10. मकर राशि - बिगड़े हुए काम ठीक हो सकते हैं, लेकिन साढ़े साती के कारण इस दौरान कुछ विशेष उपाय करने से आपको कर्जों से मुक्ति मिल सकती है।

11. कुंभ राशि - आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। वहीं इस राशि वालों के जो काम काफी लंबे समय से पूरे नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें विशेष उपाय के तहत पूरा किया जा सकेगा।

12. मीन राशि - शादी-विवाह के योग के बीच लव मैरिज का योग बनेगा और वैवाहिक जीवन में सुख शांति आएगी। रिश्तों में मिठास आएगी।